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मानव मन को मोहता, तेरा अद्भुत रूप.कहीं रूप की चांदनी, कहीं रूप की धूप.
सुन्दरता आराध्य है, काया है कमनीय.तापस का तप भंग हो, देख छटा मननीय.
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मानव मन को मोहता, तेरा अद्भुत रूप.
कहीं रूप की चांदनी, कहीं रूप की धूप.
सुन्दरता आराध्य है, काया है कमनीय.
तापस का तप भंग हो, देख छटा मननीय.
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